- Ujjain Simhastha 2028: तैयार हो रहा है मेला क्षेत्र, 12 नए ब्रिज से आवागमन होगा आसान!
- भस्म आरती: बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में हुआ दिव्य श्रृंगार, मोगरे और गुलाब के सुगंधित पुष्प किए गए अर्पित!
- Mahakal Temple: अवैध वसूली के मामले में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, एक आरोपी निकला HIV पीड़ित; सालों से मंदिर में कर रहा था काम ...
- महाकाल मंदिर में बड़ा बदलाव! भस्म आरती में शामिल होना अब हुआ आसान, एक दिन पहले मिलेगा भस्म आरती का फॉर्म ...
- भस्म आरती: मंदिर के पट खोलते ही गूंज उठी 'जय श्री महाकाल' की गूंज, बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार कर भस्म अर्पित की गई!
पितृ तर्पण और मोक्ष का श्राद्ध पक्ष शुरू
सिद्धवट, गयाकोठा तीर्थ और रामघाट पर सुबह से लगी दर्शन पूजन करने वालों की लाईन
अक्षरविश्व प्रतिनिधि.उज्जैन। आज से पितरों का पर्व श्राद्ध पक्ष प्रारंभ हुआ। सुबह से लोगों ने पितृ मोक्ष की कामना को लेकर प्रमुख मंदिरों में दर्शन पूजन व तर्पण आदि कार्य सम्पन्न किये इसके अलावा घरों में भी धूप ध्यान का सिलसिला शुरू हुआ जो अगले 15 दिनों तक जारी रहेगा।
कहां कैसी व्यवस्था: पितृओं के तर्पण, पिण्डदान, पूजन आदि का महत्व उज्जैन के प्रमुख तीन स्थानों सिद्धवट, गयाकोठा तीर्थ और रामघाट पर पुराणों के अनुसार माना गया है। इन स्थानों पर पितृ के निमित्त कर्म करने से उनकी आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सिद्धनाथ पर चल रहे निर्माण कार्य के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है
पुराणों में अवंतिका तीर्थ के रामघाट, सिद्धनाथ और गयाकोठा तीर्थ स्थानों का वर्णन और यहां तर्पण, पिण्डदान व पूजन दर्शन का महत्व बताया गया है। स्कंद पुराण के अनुसार सिद्धवट घाट पर प्रेतशिला तीर्थ व शक्ति भेद तीर्थ है इसके अलावा रामघाट पर पिशाच मोर्चन तीर्थ है और गयाकोठा तीर्थ पर गुप्त फाल्गू का प्राकट्य बताया गया है। पंडितों के अनुसार इन तीर्थ स्थानों पर श्राद्ध पक्ष के दौरान पितृओं का तर्पण, पिण्डदान, दर्शन पूजन करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है साथ ही कर्म करने वाले को पुण्य फल प्राप्त होता है। इन तीर्थ स्थलों पर श्राद्ध पक्ष के अलावा अमावस, चौदस पर भी दर्शन का विशेष महत्व बताया गया है।